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कल्याण : कोरोना काल में जहां एक ओर मृत्यु का आंकड़ा दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है वहीं कल्याण-डोंबिवली में देखभाल की अभाव में कुछ श्मशानभूमि खुद ही दमतोड़ रहे हैं। कई जगहों पर लाइट की व्यवस्था नहीं है तो कई जगह डीजल शवदाहिनी चलते चलते बंद हो जाती हैं। बैलबाजार के श्मशान भूमि में गंदगी और मल-मूत्र का अंबार लगा हुआ है,जिससे शव लेकर जाने वालों के लिए वहां खड़ा होना भी मुश्किल हो गया है। कुछ दिन पहले उचित रखरखाव के लिए मनसे के कल्याण शहर संगठक रुपेश चंद्रकांत भोईर ने मनपा आयुक्त को पत्र लिखा था, मगर स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है। सोमवार को फिर मनपा आयुक्त को एक स्मरण पत्र देते हुए रुपेश भोईर ने कहा कि इसे जल्द अमल में नहीं लाया गया तो हम बैलबाजार स्थित श्मशान भूमि के बाहर धरने पर बैठेंगे। रुपेश भोईर ने बताया कि लाइट की व्यवस्था बदतर है,कई बार शवों को अंधेरे में अग्नि देनी पड़ती है। डीजल शवदाहिनी में ज्यादातर कोरोना संक्रमित शवों का ही अंतिम संस्कार किया जाता है मगर यह शव दाहिनी बीच-बीच में बंद हो जाती है। जिससे शव का अंतिम संस्कार भी रुक जाता है। भोईर ने मनपा आयुक्त से सवाल किया है कि मनपा प्रशासन लोगों को समय पर अस्पताल में बेड तो दे नहीं सकती,कम से कम मरने के बाद लोगों को ढंग से अंतिम संस्कार की व्यवस्था तो कर दे। उन्होंने कहा कि डीजल शवदाहिनी के आसपास गंदगी है,शवों की चर्बी और रक्त पूरे परिसर में फैला हुआ है। लेकिन मनपा प्रशासन शवदाहिनी के पास एक नाली बनाने को तैयार नहीं है ताकि मल-मूत्र,गंदगी और शवों के चर्बी को बहाया जा सके।
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