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मुंबई : मराठा आरक्षण के मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार एक्शन मोड में है। 8 मई को जहां कैबिनेट की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विश्लेषण पर कमेटी बनाने का फैसला हुआ तो वहीं आज इसी मुद्दे को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिले। महाविकास अघाड़ी (MVA)के नेताओं के साथ सीएम उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल से मुलाकात की और इसके बाद मीडिया को भी संबोधित किया। सीएम उद्धव ठाकरे ने मराठा आरक्षण पर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए कहा है कि वो इस मुद्दे पर पीएम मोदी से भी मुलाकात करेंगे और उनके सामने इस समस्या को रखेंगे।
राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, मराठा आरक्षण उप-समिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण और गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल शामिल रहे। प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात के बाद प्रेस कांफ्रेंस की और कहा कि आरक्षण राष्ट्रपति के माध्यम से दिया गया है, ऐसे में कोर्ट के फैसले को लेकर पीएम मोदी से जल्द मुलाकात की जाएगी।
मराठा आरक्षण को सर्वोच्च न्यायालय के रद्द करने के बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच आरोप -प्रत्यारोप लगातार शूरू है। इसी के तहत भाजपा प्रदेश के उपाध्यक्ष माधव भंडारी ने मराठा समाज को आरक्षण देने की मांग करते हुए राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार से समाज के भावना के साथ न खेलने का आव्हान किया है। मंगलवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए वे बोल रहे थे। भंडारी ने कहा की राज्य सरकार आरक्षण देने की वैद्यानिक प्रक्रिया पूर्ण नही किया और अब जब न्यायालय ने आरक्षण को रद्द कर दिया है तो केंद्र सरकार से प्रयास करने की बात कर रही है।
भारतीय जनता पार्टी के महाराष्ट्र राज्य के उपाध्यक्ष और विधान परिषद के विधायक प्रसाद लाड ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखकर मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाने के लिए एक नया आयोग गठित करने और माननीय राष्ट्रपति और माननीय प्रधानमंत्री को रिपोर्ट भेजने के लिए कहा। प्रसाद लाड ने यह विश्वास भी व्यक्त किया है कि यदि ऐसा किया जाता है, तो इससे सकारात्मक मार्ग प्रशस्त होगा। लाड ने यह भी मांग की कि 12 प्रतिशत सीटें शिक्षा में समुदाय के लिए और 13 प्रतिशत नौकरियों में तब तक रखी जाए जब तक कि मराठा समुदाय के लिए आरक्षण पर कोई फैसला नहीं हो जाता। आरक्षण के लिए अनुरोध करने और आवश्यक रिपोर्ट तैयार करने में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को एक निश्चित समय लगेगा। जाना था पंढरपुर चले गए गोवा : चन्द्रकान्त पाटिल
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांतदादा पाटिल ने कहा कि समाज को आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के मद्देनजर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की मजबूत सिफारिश के साथ अगला कदम उठाना चाहिए था, लेकिन सरकार यह कदम न उठाने की बजाय सीएम ठाकरे के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मुलाकात कर रही है। इसका मतलब यह हुआ कि जाना था पंढरपुर चले गए गोवा। पाटिल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि समाज को न्याय देने की बजाय सरकार सिर्फ बयान देकर मराठा आरक्षण की जिम्मेदारी से पीछे भाग रही है। पाटिल ने आरोप लगाया कि राज्य की मौजूदा सरकार इन समाज को संकट में डाल दिया है।
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