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मुंबई : सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मराठा आरक्षण रद्द करने के बाद राज्य में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच शुरू आरोप -प्रत्यारोप कम होने की बजाय बढ़ता जा रहा है। एक तरफ जहां सत्ताधारी पार्टियों का आरोप है कि राज्य की पिछली देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने समाज को फुलप्रूफ आरक्षण नहीं दिया। इसलिए आरक्षण रद्द हो गया। वहीं विपक्षी दल भाजपा राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार पर समाज को अप्रैल फूल बनाने का आरोप लगाया है। बुधवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए भाजपा विधायक आशीष शेलार ने यह आरोप लगाया है। शेलार ने कहा कि राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में अपना पक्ष मजबूती से नहीं रखा इसलिए समाज को आरक्षण नहीं मिल पाया। सरकार पर समाज को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से मेरी अपील है कि समाज के साथ अप्रैल फूल डे न मनाएं। उन्होंने कहा कि एक तरफ मराठा आरक्षण उप-समिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री से मिलने वाले समाज को आरक्षण का आश्वासन दिया जाता है, दूसरी तरफ खुद मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों के साथ राज्यपाल से मुलाकात कर आरक्षण की मांग करते हैं। इससे कांग्रेस की भूमिका पर सवाल उठता है कि क्या आप वास्तव में आरक्षण देना चाहते हैं या नहीं। यह सरकार मराठा समुदाय में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रही है। राज्य सरकार में कोई समन्वय नहीं है। कांग्रेस दुविधा में है और अदालत में यह दुविधा खतरनाक निकली। कांग्रेस और राकांपा की भूमिका मराठा समाज को आरक्षण देने की न थी और न है, क्योंकि उचित नियोजन और अध्ययन के बिना राज्यपाल से मुलाकात से यह स्पष्ट दिखाई पड़ता है। नाना पटोले के रूप में महाराष्ट्र में एक पार्टी को एक कॉमेडियन अध्यक्ष मिला है, जो पत्रकार परिषद आयोजित कर जनता को कई चुटकुले सुनाते हैं। जब हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सोनिया गांधी को बोल रहे हैं, तो पटोले क्यों नाराज होते हैं? पटोले एक कॉमेडियन अध्यक्ष हैं, जिन्हे हमारी पार्टी गंभीरता से नहीं लेती।
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