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मुंबई : पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस ने वारकरी कराडकर को गिरफ्तार कर लिया, जो राज्य सरकार के प्रतिबंध के बावजूद पंढरपुर के लिए वारकरी यात्रा निकाल रहा था। पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई के विरोध में विपक्ष नेता देवेंद्र फड़नवीस ने राज्य सरकार की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि वारी महाराष्ट्र की संस्कृति का अभिन्न अंग है। विट्ठल और वारकरी के बीच का रिश्ता अवर्णनीय है। आस्था-परंपराएं महत्वपूर्ण हैं।
फड़नवीस ने ट्वीट के माध्यम से आरोप लगाया कि कराडकर को गिरफ्तार कर सरकार ने क्या हासिल किया, कोई बीच का रास्ता प्रशासन नहीं निकाल सकता था। वारकरियों के ऐसे अपमान का हम विरोध करते हैं। कराडकर की गिरफ्तारी के विरोध के बाद पुणे में बड़ी संख्या में वारकरी इकट्ठा हो गए। स्थानीय विधायक महेश लांडगे ने वहां पहुंचकर वारकरियों का समर्थन किया।
आलंदी पालकी प्रस्थान समारोह में भाग लेने वाले वारकरियों का प्रशासन द्वारा आरटी-पीसीआर परीक्षण किया गया, जिसमें 23 वारकरी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। सभी का कोविड सेंटर में इलाज चल रहा है। बता दें कि कोरोना के कारण राज्य में सभी धार्मिक स्थलों को बंद किया गया है। पंढरपुर के लिए निकलने वाली वारकरी यात्रा को भी अनुमति नहीं दी गई है, लेकिन शनिवार को पुणे में कराडकर ने पाबंदी का विरोध करते हुए पंढरपुर जाने के लिए यात्रा निकाला, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
विधान परिषद में नेता विपक्ष प्रवीण दरेकर ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने वाइन शॉप और बीयर शॉप शुरू किया है, लेकिन आस्था के केंद्र पूजा स्थलों को बंद रखा है। पंढरपुर के लिए निकले कीर्तनकार कराडकर और कुछ और वारकरियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जो महाराष्ट्र के तमाम वारकरियों का अपमान है।
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