Breaking News
मुंबई, महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गठबन्धनों में सीटों के बँटवारे को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है, वहीं दूसरी तरफ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा इच्छुक उम्मीदवारों से लुभावने वादे करने की भी "बयार" चल पड़ी है. गौरतलब हो कि चुनाव लड़ने के कई इच्छुक नेता अपनी पार्टी से टिकट न मिलता देख ठीक चुनाव से पहले दूसरी पार्टी में शामिल हो जाते हैं और अपनी पहली पार्टी के उम्मीदवार की हार का कारण बन जाते हैं. इससे बचने के लिए अक्सर राजनीतिक पार्टियाँ अपने इच्छुक उम्मीदवारों से लुभावने वादे करके रखती हैं; ताकि यदि उसे टिकट न भी दे सकें, तो भी वह नेता अन्य पार्टी में शामिल न हो. अधिकतर ऐसे लुभावने वादे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं व इच्छुक उम्मीदवारों के बीच गुप्त समझौते के तौर पर होते हैं, जिसकी भनक तक अन्य किसी को नहीं लग पाती; पर अब राजनीतिक परिदृश्य काफी बदलता जा रहा है और ये गुप्त समझौते भी किसी न किसी ‘विशेष’ कार्यकर्ता द्वारा बाहर आने लगे हैं. ऐसा ही कुछ हाल इन दिनों अंधेरी पूर्व विधानसभा में देखा जा रहा है.
सूत्रों से पता चला है कि इस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की मंशा पाले बैठे भाजपा के उत्तर-पश्चिम जिला महामंत्री मुरजी पटेल को पार्टी के वरिष्ठ नेता "महामंडल" का "लॉलीपॉप" पकड़ाने की कोशिश कर रहे हैं. सूत्रों की मानें, तो भाजपा ने "महामंडल" के जरिए मुरजी पटेल की उम्मीदवारी की ‘बलि’ लेने की योजना बनाई है. खबर है कि भाजपा ने मुरजी पटेल के सामने अंधेरी विधानसभा से चुनाव न लड़ने के लिए महामंडल का प्रस्ताव रखा है, ताकि यह सीट किसी दूसरे उम्मीदवार को दी जा सके. बता दें कि अंधेरी पूर्व विधानसभा की सीट पर महायुति की ओर से पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा की पत्नी स्वीकृति शर्मा के चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर है. इसके लिए कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे स्वीकृति शर्मा को शिवसेना में प्रवेश करा चुके हैं. चूँकि महायुति गठबंधन का हिस्सा होने के कारण भाजपा और शिवसेना में से कोई एक ही पार्टी अपना उम्मीदवार इस सीट से उतार सकती है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के वादे के अनुसार स्वीकृति शर्मा की उम्मीदवारी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री की ओर से उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुरजी पटेल के सामने राज्य में किसी विभाग के महामंडल में पद देने का प्रस्ताव रखा है.
हालाँकि ऐसी भी खबर है कि मुरजी पटेल ने उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस का यह प्रस्ताव मानने से इनकार कर दिया है और अंधेरी विधानसभा से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर की है. अब जबकि शिवसेना (उबाठा) उम्मीदवार ऋतुजा लटके को कड़ी टक्कर देने के लिए महायुति की सहयोगी पार्टी शिवसेना स्वीकृति शर्मा के नाम पर मुहर लगाना चाहती है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि मुरजी पटेल को इस विधानसभा से चुनाव न लड़ने के लिए भाजपा और शिवसेना दोनों ही पार्टियों द्वारा किस तरह मनाया जाएगा. इस बीच शिवसेना की ओर से एक और उम्मीदवार ने इस सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर स्वीकृति शर्मा की दावेदारी को चुनौती दी है, जो काफी चौंकानेवाली खबर है. इसके लिए शिवसेना शाखा क्रमांक 121 के प्रमुख मनीष नायर ने पिछले दिनों अंधेरी पूर्व एमआयडीसी के सनसिटी होटल में कार्यकर्ताओं की एक बैठक भी ली थी. इस बैठक में उन्होंने कार्यकर्ताओं के समक्ष अपनी दावेदारी प्रकट करते हुए अपनी चुनाव लड़ने की इच्छा पर उनसे चर्चा भी की.
बता दें कि महायुति के नेताओं ने
सीट बँटवारे के लिए आयोजित बैठकों में यह स्पष्ट किया है कि महायुति में शामिल
पार्टियों का जो भी उम्मीदवार चुनाव जीतने की सबसे प्रबल सम्भावना रखता है,
उसे ही चुनाव लड़ने का मौका दिया जाएगा. इस वजह से अंधेरी पूर्व
विधानसभा क्षेत्र में इच्छुक उम्मीदवारों के बीच अपने-अपने प्रचार के लिए जबरदस्त
जंग छिड़ी हुई है. एक तरफ जहाँ प्रदीप शर्मा अपने एम्बुलेंस क्लिनिक (मुफ्त
चलता-फिरता दवाखाना) के जरिए अंधेरी विधानसभा के हर हिस्से में जाकर अपना जनाधार
मजबूत कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर मुरजी पटेल पिछले दो
दशकों से अंधेरी विधानसभा में बनाई अपनी साख बचाने के लिए अपने द्वारा किए गए
सामाजिक कार्यों का वास्ता देकर जनता के बीच अपना समर्थन बनाए रखने की जद्दोजहद
में लगे हुए हैं. अंधेरी पूर्व विधानसभा का टिकट चाहे किसी के भी पाले में जाए, पर
फिलहाल इन दिनों यह चर्चा है कि कोरोना काल की आपात स्थिति में अंधेरी पूर्व
विधानसभा क्षेत्र के मरीजों को जरूरत के समय मुफ्त ऑक्सीजन सिलिंडर मुहैया कराने
वाले मुरजी पटेल उन दिनों मीडिया में "ऑक्सीजन मैन" के नाम से मशहूर हुए थे और आज
कोरोना काल के ४ वर्ष बाद उनकी राजनीति भाजपा ने "वेंटीलेटर" पर ला दी है.
रिपोर्टर