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मुंबई: मरोल में 3.5 एकड़ क्षेत्र में सफलतापूर्वक विकसित किए गए और हाल ही में उद्घाटित अर्बन फॉरेस्ट को अब और विस्तार देने की योजना तैयार हो गई है। इस परियोजना में पहले से ही देसी पेड़, झाड़ियाँ और पौधे सड़कों और यूटिलिटी कॉरिडोर के किनारे लगाए गए हैं। अब बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) इसके अगले चरणों के लिए आगे बढ़ रही है। वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट इंडिया (WRI India) ने मरोल अर्बन फॉरेस्ट एवं कंजर्वेशन पार्क के द्वितीय और तृतीय चरण के लिए बीएमसी को एक प्रारंभिक मसौदा सौंपा है। इस विस्तार की कुल अनुमानित लागत ₹21 करोड़ बताई गई है। मरोल में अर्बन फॉरेस्ट के लिए जो भूमि निर्धारित की गई है, वह बीएमसी और मरोल कोऑपरेटिव इंडस्ट्रियल एस्टेट (MCIE) के स्वामित्व में है। यह अर्बन फॉरेस्ट मिठी नदी के किनारे एक किलोमीटर तक फैला होगा, जिसका उद्देश्य भूमि के सतही तापमान को नियंत्रित करना और बाढ़ की स्थिति को कम करना है। बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हाल ही में WRI इंडिया के साथ बैठक हुई थी। उन्होंने मरोल अर्बन फॉरेस्ट के अगले चरण के लिए एक ड्राफ्ट प्लान सौंपा है, जिसे संबंधित विभागों जैसे विकास योजना, उद्यान विभाग, पर्यावरण विभाग आदि द्वारा अध्ययन किया जाएगा। सभी हितधारकों से सुझाव लेकर अंतिम योजना तैयार की जाएगी।” ड्राफ्ट योजना के अनुसार, अगले चरण में वन गिल्ड की परतों में कुल 51,500 पौधे लगाए जाएँगे। इनमें जल-वनस्पति, घास, झाड़ियाँ, ऊँचे वृक्ष, छायादार वृक्ष, बांस आदि शामिल होंगे। इस परियोजना में जनता के लिए ओपन प्लाजा, दिव्यांगजनों के लिए अनुकूल वातावरण, बहुभाषी संकेत, शैक्षणिक सामग्री, और प्राकृतिक पथ (nature walkways) जैसी सुविधाएँ भी शामिल की जाएँगी। गौरतलब है कि इस अर्बन फॉरेस्ट का पहला चरण पिछले माह मुंबई उपनगर के पालक मंत्री और स्थानीय विधायक आशीष शेलार द्वारा उद्घाटित किया गया था। पहले चरण में 100 से अधिक प्रजातियों के पौधे, जैसे बांस, आम, कटहल, पपीता, बरगद, पीपल और कई औषधीय वनस्पतियाँ शामिल की गई थीं। मंत्री शेलार ने शहरी वन पार्कों के विकास में जनभागीदारी को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया था और कहा था कि इस प्रकार के हरित क्षेत्रों से अगले 5 वर्षों में मुंबई का तापमान 3-4 डिग्री सेल्सियस तक कम किया जा सकता है। पहले चरण को जिला योजना और विकास समिति (DPDC) द्वारा वित्तपोषित किया गया था और बीएमसी द्वारा कार्यान्वित किया गया।
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