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उद्धव गुट
के विधायक भी हुए उग्र
अनंत
(बाला) नर ने अस्पताल प्रशासन को लगाई फटकार, तो सुनील प्रभु ने विधानसभा में
उठाया मुद्दा
मुंबई. जोगेश्वरी ट्रॉमा केयर अस्पताल में आईसीयू को बार-बार बंद करने की घटना अभी भी जारी है। इस सोमवार (३ मार्च २०२५) को भी अस्पताल के आईसीयू के सभी अनुबंधित डॉक्टर व स्टाफ अचानक आईसीयू छोड़कर नदारद हो गए और अपने मोबाइल फोन भी बंद कर दिए. ठेकेदार ने भी अस्पताल प्रशासन का फोन उठाना बंद कर दिया। यह खबर लगते ही अंधेरी पूर्व विधानसभा के शिवसेना विधायक मुरजी पटेल तत्काल अस्पताल पहुँचे और स्थिति का जायजा लिया. आईसीयू के १३ मरीजों में से गंभीर हालत के ५ मरीजों को उन्होंने तुरंत अंधेरी पूर्व के सेवेन हिल्स अस्पताल में भर्ती कराया और उनके आगे के इलाज की समुचित व्यवस्था भी की. साथ ही विधायक मुरजी पटेल ने जोगेश्वरी ट्रॉमा केयर अस्पताल के आईसीयू डॉक्टरों के ठेकेदार के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराने का भी निर्देश दिया. इस मामले में उद्धव गुट के विधायक भी आम जनता के लिए उग्र मोड में आ गए. जोगेश्वरी विधानसभा के विधायक अनंत (बाला) नर भी जोगेश्वरी ट्रॉमा केयर अस्पताल का आईसीयू अचानक बंद होने की खबर पाते ही अस्पताल पहुँचे और अस्पताल प्रशासन को फटकार लगाई. वहीं उद्धव गुट के विधायक सुनील प्रभु ने यह मामला विधानसभा में उठाया और सरकार से दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की माँग की. बता दें कि ऐसी ही घटना पिछले वर्ष भी हुई थी, जिसकी खबर ‘सुर्खियाँ’ में प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी. इस मामले का जिक्र करते हुए महाराष्ट्र राज्य आरोग्य योजना के मुंबई उपनगर के जिला निगरानी व शिकायत निवारण समिति के सदस्य भीमेश मुतुला ने वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनीषा गांगर और डॉ. सुखदेव को तत्काल निलंबित करने की माँग की है. रुग्णसेवक भीमेश मुतुला ने कहा - 'पिछले साल भी ऐसा हुआ था। इसके बावजूद मनपा द्वारा कोई ठोस कार्रवाई करने की बजाय ठेकेदार से केवल माफीनामा लेकर फिर से उसी भ्रष्ट ठेकेदार को टेंडर दे दिया गया’. भीमेश मुतुला की मानें, तो लंबे समय से ठेकेदार ऐसे प्रशिक्षु डॉक्टरों को मरीजों के इलाज के लिए आईसीयू में भेज रहा था, जिनके पास डिग्री भी नहीं थी। यह सब वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनीषा गांगर और डॉ. सुखदेव की नाक के नीचे हो रहा था। वे गैर-मौजूद डॉक्टरों की उपस्थिति का हस्ताक्षर कर बिल पास कर रहे थे। भीमेश मुतुला ने सरकार से यह भी माँग की है कि ‘संविदा डॉक्टरों की उपस्थिति और अब तक पास किए गए बिलों की जाँच होनी चाहिए। ठेकेदार राकेश के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर उसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए और गबन किए गए पैसे की वसूली की जानी चाहिए’।
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