Breaking News
मुंबई : पूरे देश के साथ ही मुंबई में भी कोरोना की दूसरी लहर ने हर किसी को परेशान कर रखा है। सख्त संचारबंदी के तहत पुलिस ने लोगों को घर में रहने की अपील की है, ताकि वायरस के प्रसार को नियंत्रित किया जा सके। पर लोग हैं कि मान नहीं रहे और अति आवश्यक न होने पर भी बाहर निकल रहे हैं। ऐसे में मुंबई शहर को इस घातक वायरस के प्रसार से बचाने के लिए पुलिस को कोरोना प्रोटोकॉल तोड़नेवाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी ही पड़ रही है। ऐसे ७,३३२ लोगों के खिलाफ पुलिस ने एक्शन लेते हुए चालान किया और जुर्माना लगाया है। पुलिस के सख्त एक्शन से मुंबई में कोरोना संक्रमितों की संख्या नियंत्रण में आ रही है। इसका श्रेय स्वास्थ्य प्रणाली के साथ-साथ मुंबई पुलिस को भी जाता है।
दूसरी लहर को देखते हुए मुंबई पुलिस प्रतिबंधों का कड़ाई से पालन करवाने में जुट गई। राज्य सरकार ने कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए १५ मई तक संचारबंदी की घोषणा की है। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर किसी को भी घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा दुकानों को तय समय पर खोलने की भी अनुमति दी गई है। ये नियम सरकार द्वारा लगाए गए हों, लेकिन नियमों के पालन करवाने की जिम्मेदारी पुलिस पर है। ५ अप्रैल से ७,३२२ लोगों पर कोरोना नियमों का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया है। इस अवधि के दौरान बिना किसी कारण के घूमनेवालों के खिलाफ २,२९३ मामले दर्ज किए गए, १,७९९ मामले उन लोगों के खिलाफ हैं, जिन्होंने बिना अनुमति के अपनी दुकानें खुली रखीं। मास्क का उपयोग न करने के १,७९५ मामले, सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ के ६८३ मामले, क्वॉरंटीन के नियमों का उल्लंघन करनेवाले कोरोना रोगियों के २३७ मामले, होटलों के २१७ मामले, फेरीवालों के १४० मामले, ट्रैफिक के ९८ मामले और पान टपरी के ६० मामले सामने आए हैं। दूसरी लहर में कार्रवाई के दौरान ५०० से अधिक पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित हो गए और अब तक चार पुलिसकर्मियों की मौत हो गई।
पश्चिमी उपनगरों में १,७१३ के साथ पश्चिमी उपनगरों में सबसे अधिक मामला दर्ज किया गया है। इसके बाद बाद उत्तरी मुंबई में १,५३४। मध्य मुंबई में १,४९६ मामले दर्ज किए गए हैं। पूर्वी उपनगरों में १,३१६ और दक्षिण मुंबई में सबसे कम १,२६३ मामले दर्ज किए गए हैं।
रिपोर्टर