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मुंबई : राज्य सहित पूरे देश में कोरोना महामारी के कारण लाखों से अधिक संख्या में लोगो की मृत्यु हो चुकी है। ऐसे में बड़ी संख्या में वो बच्चें भी शामिल है, जिन्होंने अपने माता -पिता को खो दिया है। इन अनाथ बच्चों के लिए राज्य की महिला बाल विकास विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले के अनुसार इन बच्चों के उचित संरक्षण और उनकी परवरिश और आवश्यक उपाय करने के लिए जिला स्तर पर जिला अधिकारी की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स बनाने का फैसला किया गया है। सोमवार को राज्य की महिला और बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना से माता और पिता की होने वाली मृत्यु के कारण अनाथ बच्चों के लिए एक बड़ी समस्या पैदा हो रही है, जिसे देखते हुए हमने उन सभी अनाथ बच्चों की सुरक्षा और परवरिश, शिक्षा आदि की पूरी जिम्मेदारी लेने के लिए अपने कर्तव्य और जिम्मेदारी को पूरा करने का निर्णय लिया है। मंत्री ठाकुर ने कहा कि मौजूदा समय में कोरोना के बढ़ते प्रकोप कारण मृत्यु की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में बच्चों के जीवन पर भी गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में हो रही माता-पिता दोनों की मृत्यु ने अनाथ बच्चों के लिए एक गंभीर समस्या पैदा कर दिया है। इन बच्चों की देखभाल करने वाला कोई नहीं है। इन बच्चों की बाल शोषण का शिकार होने और बाल श्रम या बाल तस्करी जैसे अपराधों की अधिक संभावना को देखते हुए सरकार ने उनकी देखभाल के लिए जिला स्तर पर एक टास्क फोर्स बनाने का फैसला लिया है, जिसके लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है। मंत्री ठाकुर ने बताया कि इस संबंध में सरकार की तरफ से आदेश जारी कर दिया गया है।
महिला बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर ने बताया कि इन बच्चों की देखभाल और उनके लिए आवश्यक उपाय योजना करने के लिए जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में टास्क फ़ोर्स बनाने का निर्णय लिया गया है। इस टास्क फ़ोर्स पर पूरा नियंत्रण जिलाधिकारी का होगा जो पूरे जिले में कोरोना मरीजों पर पूरी नजर रखेंगे। उसमें अपने माता-पिता दोनों को खो चुके बच्चों के बारे में संबंधित कमर्चारियों को विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे इसके साथ -साथ हर 15 दिन में टास्क फोर्स के कामकाज की समीक्षा के लिए बैठक करेंगे।
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