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प्रियंका गांधी, सुप्रिया सुले
और अनुराग ठाकुर समेत कई सदस्य शामिल
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मुंबई, प्रस्तावित ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के लिए विधायी ढाँचे
की जाँच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC)
का गठन
किया गया है. समिति में लोकसभा के
21 सांसद शामिल हैं,
जो वरिष्ठ
भाजपा नेता और
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की तरफ से पेश किए गए विधेयक का
आकलन करेंगे. समिति में
राज्यसभा के 10 सदस्य भी
शामिल हैं, जिसे लेकर कुल 31 सदस्य हो
जाते हैं. ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’
विधेयक का उद्देश्य पूरे देश में लोकसभा,
राज्य विधानसभाओं
और स्थानीय निकायों के लिए एक साथ चुनाव की सुविधा के लिए संविधान
और संबंधित कानूनों में संशोधन करना है. उक्त अवधारणा
सरकार का एक दीर्घकालिक
प्रस्ताव रहा है, जिसका
उद्देश्य चुनाव संबंधी
खर्चों को कम करना और कुशल शासन सुनिश्चित करना है. लोकसभा के 21 सांसदों की सूची में
विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं का मिश्रण शामिल है और इसमें
पूर्व केंद्रीय
मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और नवनिर्वाचित कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा पी.
पी. चौधरी, डॉ.
सी. एम. रमेश, बांसुरी
स्वराज, परषोत्तम
रूपाला, विष्णु दयाल राम, भर्तृहरि
महताब, डॉ.
संबित पात्रा, अनिल
बलूनी, विष्णु
दत्त शर्मा, मनीष तिवारी, सुखदेव भगत, धर्मेन्द्र
यादव, कल्याण
बनर्जी, टी.
एम. सेल्वागणपति, जी.
एम. हरीश
बालयोगी, सुप्रिया
सुले जैसे
प्रमुख नाम शामिल हैं.
‘एक राष्ट्र, एक
चुनाव’ के
प्रस्ताव को विपक्षी दलों
के महत्वपूर्ण प्रतिरोध का सामना करना पड़ा है, जिन्होंने
लोकतांत्रिक ढाँचे पर इसके प्रभाव के बारे में चिंता जताई है. विपक्ष
का तर्क है कि
यह कदम राज्यों में चुनावी प्रक्रिया पर अपना प्रभाव मजबूत
करके सत्तारूढ़ दल
को असंगत रूप से लाभ पहुँचा सकता है,
जबकि संभावित रूप से
क्षेत्रीय दलों की स्वायत्तता और आवाज को कमजोर कर सकता है.
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