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दरेकर ने लगाया महायुति के
नेताओं को फँसाने का आरोप, तो अंबादास दानवे ने बताया किसानों की आत्महत्या का
जिम्मेदार
मुंबई, महाविकास
अघाड़ी (एमवीए)
सरकार के
कार्यकाल के दौरान देवेंद्र फडणवीस,
एकनाथ शिंदे और
अन्य महायुति नेताओं को फँसाने
की कथित साजिश की जाँच के लिए राज्य सरकार एक विशेष जाँच दल
(एसआईटी) का गठन करेगी। वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री शंभूराजे
देसाई ने मंगलवार
को विधान
परिषद में यह घोषणा करते हुए कहा कि एसआईटी का नेतृत्व एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी
करेंगे। देसाई ने कहा,
"अगर
जरूरत पड़ी, तो
पूर्व डीजीपी (पुलिस महानिदेशक)
संजय पांडे से भी पूछताछ की जाएगी।" यह घोषणा सत्तारूढ़
भाजपा और विपक्षी
शिवसेना (उबाठा) के बीच तीखी नोकझोंक के बाद की गई. बता दें कि यह माँग वरिष्ठ भाजपा नेता
प्रवीण दरेकर ने कई टीवी चैनलों
द्वारा प्रसारित
स्टिंग ऑपरेशन फुटेज
को लेकर की
है. दरेकर ने कहा कि कथित
रूप से साजिश
करने वालों के खिलाफ जाँच
के लिए एसआईटी का गठन
होना चाहिए. दरेकर ने
कहा, "फुटेज में एक
डिप्टी पुलिस कमिश्नर एक नागरिक पर तत्कालीन विपक्ष के नेता
देवेंद्र फडणवीस को फँसाने
के लिए झूठे बयान देने का दबाव बनाते हुए दिखाई दे रहे
हैं।" इतना
ही नहीं देरकर ने एक
और वीडियो का हवाला
देते हुए कहा कि इस वीडियो में आप देख सकते हो कि किस तरह एक सहायक पुलिस
आयुक्त (एसीपी) सरदार पाटिल किसी पुराने मामले को फिर से खोलने के बारे में किसी से बात करते हुए दिखाई दे रहे
थे। दरेकर ने
एमवीए सरकार
पर फडणवीस
को निशाना
बनाने का आरोप लगाते हुए कहा,
"एसीपी पाटिल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि मामले के
असली निशाने पर
देवेंद्र
फडणवीस और तत्कालीन शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे थे, क्योंकि
उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार को उजागर किया था”।
दरेकर ने
चार माँगें रखीं - आरोपों की एसआईटी
जांच; डीसीपी
लक्ष्मीकांत पाटिल का निलंबन;
सरकारी वकील शेखर जगताप को सरकारी पैनल से हटाना और पूर्व पुलिस महानिदेशक व
मुंबई पुलिस आयुक्त
संजय पांडे के खिलाफ मामला दर्ज करना। दरेकर ने आरोप लगाया
कि फडणवीस को फँसाने के आदेश सरकारी स्तर पर जारी किए गए
थे, जो
पाटिल जैसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों तक पहुँचे। उन्होंने कहा, "एसआईटी जाँच
से पता चलेगा कि इस साजिश
को पर्दे के पीछे से
किसने अंजाम
दिया।" वहीं विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने भी 5 दिसंबर २०२२
को अपना
दूसरा कार्यकाल शुरू करने वाली भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार पर किसानों के
मुद्दों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। अंबादास दानवे ने कहा महायुति सरकार की
लापरवाही की वजह से महाराष्ट्र में
6,740 किसानों को आत्महत्या
करनी पड़ी है। दानवे के अनुसार,
राज्य सरकार ने
कपास के लिए
6,000 रुपये
प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन
मूल्य देने का वादा किया था,
लेकिन किसानों को अभी तक यह
राशि नहीं मिली है। इसके अलावा,
उन्होंने सौर पंपों की माँग
को पूरा करने में सरकार की
“विफलता” को उजागर किया।
उन्होंने बताया कि किसानों ने
12 लाख
सौर पंपों के लिए
अनुरोध किया था, राज्य
सरकार केवल 1.39 लाख यूनिट ही
देने में कामयाब रही. दानवे ने किसानों को सौर पंप उपलब्ध कराने के लिए
समर्पित एक अलग विभाग बनाने की माँग की। विपक्ष के नेता ने राज्य के बढ़ते कर्ज
पर चिंता जताई. उन्होंने दावा किया कि वर्तमान में यह 8 लाख करोड़ रुपए है। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय बोझ ने
राज्य की प्रगति को
रोक दिया है और कृषि व ग्रामीण विकास जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश करने की इसकी क्षमता
में बाधा उत्पन्न की है।
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