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मुंबई, विनोद यादव. अंधेरी
विधानसभा में शिवसेना उम्मीदवार मुरजी पटेल द्वारा रविवार को चुनाव प्रचार सभा का
आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी उपस्थित हुए. अँधेरी पूर्व के शेरे
पंजाब मनपा मैदान में आयोजित इस चुनाव प्रचार सभा में महायुति की घटक पार्टियों के
कार्यकर्ताओं की भीड़ इस कदर उमड़ी कि हजारों लोगों को मैदान से बाहर ही वापस लौटना
पड़ा. महायुति के इस चुनाव प्रचार सभा में स्थानीय शिवसेना सांसद रविन्द्र वायकर,
उनकी पत्नी व जोगेश्वरी विधानसभा से शिवसेना उम्मीदवार मनीषा वायकर,
पूर्व भाजपा नगरसेवक पंकज यादव, पूर्व शिवसेना
नगरसेवक सुभाष कांता सावंत, भाजपा नेता गिलरॉय मिस्किटा,
रामदास आठवले की पार्टी आरपीआय के नेता संजय खंडागले व उनकी पत्नी
समाजसेविका छाया खंडागले सहित महायुति की सभी पार्टियों के स्थानीय नेता उपस्थित
थे. इनके अलावा बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग भी इस प्रचार सभा में
उपस्थित थे. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंच से अपने भाषण के दौरान कहा कि इस बार
मुरजी पटेल प्रचंड मतों से जीतकर आएँगे. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्होंने मशहूर
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की पत्नी स्वीकृति शर्मा को भी विधायक बनाने का
आश्वासन दिया है, जिसे वे हर हाल में पूरा करेंगे.
मुख्यमंत्री के इस आश्वासन का मुरजी पटेल के पक्ष में सकारात्मक प्रभाव पड़ा. दूसरे
ही दिन स्वीकृति शर्मा ने अपना निर्दलीय नामांकन वापस ले लिया. स्वीकृति शर्मा के
पीछे हटने से महायुति की शिवसेना के वोट दो भागों में बँटने से बच जाएँगे, जिसे मुरजी पटेल के लिए एक बड़ी राहत माना जा रहा है. इस चुनाव प्रचार सभा
के बाद मुरजी पटेल ने भी विश्वास जताया कि इस सभा और लाडली बहन योजना का लाभ
महायुति को जरूर होगा. हालाँकि राजनीतिक समीकरण की वास्तविकता पर जाएँ, तो चुनाव प्रचार सभा में मुख्यमंत्री की उपस्थिति और स्वीकृति शर्मा के
नामांकन वापस लेने के बाद मुरजी पटेल अपनी प्रतिद्वंदी ऋतुजा लटके के साथ टक्कर की
लड़ाई में आ गए हैं. यदि भाजपा उन्हें भीतर घात नहीं करती है,
तो लड़ाई बराबरी की है. मराठी वोट बैंक अभी भी महाविकास आघाडी की शिवसेना (उबाठा)
उम्मीदवार ऋतुजा लटके के साथ ही दिख रहा है. दिवंगत स्थानीय विधायक रमेश लटके की
पत्नी व वर्तमान विधायिका ऋतुजा लटके के लिए यह ‘निश्चित’
वोट बैंक ही उन्हें जीत की राह पर बनाए हुए है. ऋतुजा लटके के लिए
वंचित बहुजन आघाडी भी सहायक साबित हो सकती है, क्योंकि
महायुति की घटक पार्टी आरपीआई के वोटर्स इस विधानसभा में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के
पोते प्रकाश आंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन आघाडी की ओर रुख कर सकते हैं. ऐसे में
फिलहाल यही कहा जा सकता है कि जहाँ शिंदे शिवसेना के उम्मीदवार मुरजी पटेल को जहाँ
भाजपाइयों को ‘निष्ठा’ की शपथ दिलाने
की जरूरत है, तो वहीं उद्धव सेना की उम्मीदवार ऋतुजा लटके को
अपने कट्टर शिवसैनिकों में जोश भरकर उन्हें प्रचार के लिए घरों से बाहर निकालने की
जरूरत है.
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