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मुंबई: एक तरफ जहाँ शिवसेना ने जोगेश्वरी विधानसभा से तीन बार विधायक रहे और नवनिर्वाचित सांसद रविन्द्र वायकर की पत्नी मनीषा वायकर को चुनावी मैदान में उतारा है, तो वहीं दूसरी तरफ शिवसेना (उबाठा) ने अपने लोकप्रिय नेता और दो बार नगरसेवक रहे अनंत (बाला) नर को उम्मीदवारी देकर वायकर की चिंता बढ़ा दी है. इसकी सबसे बड़ी वजह जोगेश्वरी विधानसभा में शिवसेना (उबाठा) का मजबूत जनाधार माना जा रहा है. बता दें कि २०२२ में शिवसेना के विभाजन के बाद भी जोगेश्वरी विधानसभा में उद्धव गुट की शिवसेना (उबाठा) का जनाधार कम नहीं हुआ, बल्कि बढ़ा है. इस बात का अंदाजा हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों से सहज ही लगाया जा सकता हैं. बीते लोकसभा चुनाव में शिवसेना (उबाठा) के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर जोगेश्वरी विधानसभा में शिंदे गुट की शिवसेना के उम्मीदवार रविन्द्र वायकर से लगभग १२ हजार वोटों से बढ़त पर रहे थे. इस बार भी जोगेश्वरी विधानसभा में शिवसेना (उबाठा) को लगातार जनता का समर्थन मिल रहा है. इस वजह से रविन्द्र वायकर की चिंता बढ़ गई है. गौरतलब हो कि जोगेश्वरी पूर्व विधानसभा सीट के इतिहास की अगर बात करें, तो इस निर्वाचन क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 2,84,443 है। यहाँ पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के समुदाय के मतदाताओं की संख्या 4% के आसपास है। मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 14 फीसदी से अधिक है। यह इलाका शहरी इलाकों में गिना जाता है। मुस्लिम मतदाता यहाँ के चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं, जो कांग्रेस के साथ रहकर शिवसेना (उबाठा) का ही वोट बैंक बनेंगे. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या हिंदुत्व की दुहाई देने वाली शिवसेना (शिंदे गुट) इस चुनाव में जोगेश्वरी विधानसभा में निर्णायक भूमिका में रहने वाले मुस्लिम समुदाय को अपनी ओर लुभा पाती है। यदि ऐसा नहीं होता है, तो सम्भव है कि शिवसेना (उबाठा) इस विधानसभा में एक बार फिर बाजी मार ले जाए.
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