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मनपा की लापरवाही के प्रति जनता में नाराजगी, आंदोलन की धमकी
मुंबई, संजय दुबे. एक
तरफ देश में हो रहे भूमि अतिक्रमण को लेकर निम्न स्तर से लेकर देश की सबसे बड़ी
अदालत सुप्रीम कोर्ट ने भी एक के बाद एक कई कानून बनाए, किन्तु
भूमाफियाओं पर कोई असर पड़ता दिख नहीं रहा है. इसका जीता-जागता उदाहरण जोगेश्वरी
(पश्चिम) रिलीफ रोड स्थित ओशिवरा के हिंदू श्मशान भूमि में देखा जा सकता है, जहाँ
मनपा के अधिकारियों की लापरवाही और रिश्वतखोरी का खामियाजा क्षेत्र के स्थानीय
रहिवासियों को उठाना पड़ रहा है. बता दें कि
ओशिवरा के हिंदू श्मशान भूमि के पास करीब आधा एकड़ की जमीन पर छोटे बच्चों के शव
दफनाने के लिए आरक्षित की गई थी. पिछले कई वर्षों से इस जमीन पर छोटे बच्चों का शव
दफनाया जा रहा है, किन्तु
बताया जा रहा है कि मनपा के/पश्चिम प्रभाग के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने
‘ऊपरी कमाई’ की लालच में बिना जाँच किए ही श्मशान भूमि की जमीन पर सुलभ शौचालय के
निर्माण का टेंडर पास कर सुलभ शौचालय बनाने का ऑर्डर जारी
कर दिया है। इसकी जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों के साथ-साथ राजनीतिक पार्टी के
नेताओं ने एकजुट होकर इसका विरोध करना शुरू कर दिया है, वहीं
ओशिवरा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने मनपा के/ पश्चिम प्रभाग के
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मिलकर सुलभ शौचालय निर्माण कार्य तुरंत रोकने की
माँग की। स्थानीय रहिवासियों का कहना है कि ‘जिस जगह पर शौचालय का निर्माण किया जा
रहा है,
उस जमीन पर छोटे बच्चों को दफनाया जाता है. यह जमीन पहले से ही कम है। शौचालय
निर्माण के बाद बची हुई जमीन में छोटे बच्चों को दफनाने में काफी समस्या होगी।
स्थानीय रहिवासियों ने यह चेतावनी दी है कि अगर मनपा श्मशान भूमि की जगह से सुलभ
शौचालय नहीं हटाती है,
तो मनपा के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। बता
दें कि हिंदू धर्म में मृत्यु के पश्चात शव का दाह संस्कार करने की परंपरा है,
लेकिन छोटे बच्चों की मृत्यु होने के बाद उनके शव को दफनाया जाता है। ओशिवरा
श्मशान भूमि में छोटे बच्चों के शव को दफनाने के लिए पहले से ही खुली जगह कम है।
स्थानीय भाजपा नेता व एड. राज यादव ने कहा कि, “हिंदू श्मशान
भूमि की जमीन पर सुलभ शौचालय बनाने का कोई औचित्य नहीं है। मनपा के अधिकारी
स्थानीय लोगों की भावनाओं को ठेस पहुँचा रहे हैं।”
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