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दिवंगत विधायक रमेश लटके की पत्नी
ऋतुजा लटके को पुनः उम्मीदवारी
मुंबई, विनोद यादव. 20 नवंबर को होने वाले
विधानसभा चुनाव के लिए महायुति से पहले शिवसेना (उबाठा) ने अपने उम्मीदवार की
घोषणा कर दी है. शिवसेना (उबाठा) के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अँधेरी विधानसभा
से एक बार फिर दिवंगत विधायक रमेश लटके की पत्नी ऋतुजा लटके को अपना उम्मीदवार
बनाकर शिवसैनिकों का उत्साह बढ़ा दिया है. बता दें कि वर्ष २०२२ में दिवंगत शिवसेना
विधायक रमेश लटके के निधन के बाद रिक्त हुई अँधेरी पूर्व विधानसभा सीट पर हुए
उपचुनाव में शिवसेना (उबाठा) के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रमेश लटके की पत्नी
ऋतुजा लटके को अपना उम्मीदवार बनाया था. महाराष्ट्र की संस्कृति का हवाला देकर
अन्य पार्टियों ने भी भाजपा पर दबाव बनाकर इस उपचुनाव को निर्विरोध कराने में अहम
भूमिका निभाई थी. इस दौरान मनसे पमुख राज ठाकरे के पत्र के बाद भाजपा को अपने
उम्मीदवार मुरजी पटेल का नामांकन वापस लेना पड़ा था. उद्धव के कट्टर शिवसैनिकों के
समर्थन से यह उपचुनाव लगभग एकतरफा रहा और ऋतुजा लटके एक बड़े अंतर से चुनाव जीतकर
अँधेरी पूर्व विधानसभा से पहली महिला विधायक बनीं. हालाँकि वर्ष २०२४ का विधानसभा
चुनाव नजदीक आते-आते अफवाहों का बाजार गर्म होता गया और ऋतुजा लटके को फिर से
उम्मीदवार बनाए जाने पर संशय जताया जाने लगा. इन खबरों से जहाँ विरोधी खेमे में
हर्षोल्लास का माहौल था,
तो वहीं बालासाहेब के निष्ठावान शिवसैनिकों में निराशा भी पसर रही
थी. हालाँकि चुनाव की आधिकारिक घोषणा होने के बाद शिवसेना (उबाठा) के पक्ष प्रमुख
उद्धव ठाकरे ने सभी अफवाहों पर पूर्णविराम लगाते हुए ऋतुजा लटके को पुनः
उम्मीदवारी देकर दिवंगत विधायक रमेश लटके की पार्टी के प्रति निष्ठा का मोल चुका
दिया है. पुनः उम्मीदवारी मिलते ही ऋतुजा लटके ने विलम्ब न करते हुए अँधेरी पूर्व
विधानसभा में चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है, ताकि
कांग्रेस के यहाँ से लगातार तीन बार चुनाव जीतने के रिकॉर्ड को तोड़कर पार्टी
द्वारा उनपर जताए गए विश्वास को खरा साबित कर सकें. गौरतलब हो कि ऋतुजा लटके ने
अपने २ वर्ष के कार्यकाल में अँधेरी पूर्व विधानसभा के कई ज्वलनशील मुद्दों को
विधानसभा में उठाकर लोगों के बीच अपनी साहसिक छवि पेश की है. ऋतुजा लटके की
लोकप्रियता भी अब उनके पति दिवंगत शिवसेना विधायक रमेश लटके की तरह देखी जाने लगी
है. अँधेरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए रमेश लटके के बेटे अमेय लटके
भी अपनी माँ ऋतुजा लटके के साथ पार्टी से लगातार जुड़े हुए हैं. उन्हें शिवसैनिकों
(उबाठा) के साथ-साथ जनता का भी जबरदस्त प्रतिसाद मिल रहा है. यही वजह है कि ऋतुजा
लटके को उम्मीदवारी मिलने से विरोधी गठबंधन भी सकते में आ गया है. सूत्रों की
मानें, तो ऋतुजा लटके को जिताने के लिए शिवसेना (उबाठा) के
साथ-साथ भाजपा, शिंदे गुट और अन्य राजनीतिक पार्टियों के कुछ
नेता भी उन्हें अंदरूनी तौर पर सहयोग पहुँचा सकते हैं. हालाँकि यह कहना गलत नहीं
होगा कि वर्ष २०२२ में एकतरफा अँधेरी विधानसभा उपचुनाव जीतने वाली ऋतुजा लटके को
इस बार चुनावी मैदान में कई प्रभावशाली नेताओं का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में
देखना है कि जिस तरह का विश्वास शिवसेना (उबाठा) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने
अँधेरी विधानसभा का टिकट दिवंगत विधायक रमेश लटके की पत्नी ऋतुजा लटके को देकर उन
पर दिखाया है, क्या वैसा ही विश्वास शिवसैनिक (उबाठा) और
अँधेरी विधानसभा की जनता उन पर दिखाती है? यह तो आने वाला
वक्त ही बताएगा.
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