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"वक्फ की जमीन पर बनी है नई संसद - पूर्व सांसद बदरुद्दीन अजमल"
नई दिल्ली, असम के
जमीयत उलेमा के प्रमुख और AIUDF (ऑल इंडिया
यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) के नेता मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने एक बड़ा बयान दिया
है. उन्होंने कहा, 'भारत में नई संसद
की इमारत वक्फ की जमीन पर बनी है.' वक्फ बिल
पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि सभी धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दलों ने इस
बिल की समीक्षा के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का बहिष्कार किया है.
अजमल ने कहा कि पाँच करोड़ लोगों ने जेपीसी को संदेश भेजकर इस बिल का बहिष्कार
करने की अपील की है, जो बताता है कि इस बिल को लेकर
लोगों में कितनी नाराजगी है. अजमल ने यह भी घोषणा की कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद असम
में वक्फ बोर्ड की जमीनों का सर्वेक्षण करेगी, ताकि इस
बिल को चुनौती दी जा सके. उन्होंने दावा किया कि नई संसद की इमारत वक्फ की जमीन पर
बनी है. उन्होंने कहा कि वक्फ बिल को लेकर कानूनी लड़ाई जारी रहेगी. बता दें कि
वक्फ बिल पर बनी जेपीसी की बैठक में सोमवार और मंगलवार को खूब हंगामा हुआ. विपक्षी
दलों ने इस मीटिंग का बहिष्कार किया. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सदस्यों ने
उन्हें गाली दी. विपक्षी सांसदों ने ओम बिरला को चिट्ठी लिखकर अपनी शिकायत दर्ज
कराई है. विपक्षी सांसदों का कहना था कि समिति की कार्यवाही नियमों और प्रक्रियाओं
के मुताबिक नहीं की जा रही है. कांग्रेस के गौरव गोगोई और इमरान मसूद,
डीएमके
के ए. राजा, शिवसेना (उबाठा) के अरविंद सावंत,
एआईएमआईएम
के असदुद्दीन ओवैसी, समाजवादी पार्टी के मोहिबुल्लाह और
आम आदमी पार्टी के संजय सिंह उन नेताओं में शामिल थे;
जिन्होंने
इस बैठक का विरोध किया था.
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